VIDEO- धनबाद कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: ट्रिपल मर्डर में एक को फांसी 3 को उम्र कैद की सजा
AJ डेस्क: अपनी ही भाभी के प्यार में पागल हुए एक हत्यारे पिता को न सिर्फ न्यायालय से मौत की सजा मिली बल्कि उसकी प्रेमिका भाभी को भी न्यायालय ने उम्र कैद और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इतना ही नहीं कानून के न्याय से हत्यारे के माता-पिता भी नहीं बच सके न्यायालय ने उन्हें भी आजीवन कारावास के साथ 30-30 हजार रूपये का आर्थिक दंड भी दिया। मामला झारखण्ड के धनबाद का है।
भारत में किसी न्यायाधीश के मुख से जल्द यह नहीं सुनाई देता, “To be hang till death”। यानि मृत्यु तक लटका रहना। लेकिन आज धनबाद न्यायालय में यह शब्द सुनाई दिया। दरअसल एक ट्रिपल मर्डर मामले को धनबाद न्यायालय ने रेयरेस्ट ऑफ़ द रेयर मानते हुए आरोपी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई। यह हत्या कांड 3 अक्टूबर 2017 की रात बरवाअड्डा के बड़ा जमुआ स्थित न्यू कॉलोनी में अंजाम दी गई थी। आधी रात को सुनियोजित तरीके से हत्यारे भैरवनाथ ने अपनी पत्नी अनुपमा देवी, 2 साल के बेटे अभय और 3 साल की बेटी आभा की निर्मम हत्या कर फरार हो गया था।
देखें वीडियो-
मामले में सबसे चौकाने वाली बात तो यह थी की इस हत्या कांड को अंजाम देने से पूर्व उसी रात को हत्यारे भैरवनाथ ने अपने पूरे परिवार के साथ उसी कमरे में अपने बेटे अभय का बड़े ही धूम-धाम से दूसरा बर्थडे पार्टी सेलिब्रेट किया था और कुछ ही घंटों बाद जब उसका परिवार उसी कमरे में गहरी नींद में था तभी मौका देख भैरव ने अपने ही परिवार को मौत की नींद सुला बड़े ही नाटकीय ढंग से फरार हो गया था।
इस हत्याकांड की नीव एक अवैध प्रेम प्रसंग के आधार पर रखी गई थी। दरअसल हत्यारे भैरवनाथ का अपनी ही भाभी रूपा देवी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी अवैध संबंध को जिंदा रखने के लिए इस ट्रिपल मर्डर को बड़ी ही निर्मम और शातिराना तरीके से अंजाम दिया गया था। लेकिन कहते है अपराधी जितनी भी चालाकी कर ले वो कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ता है। यहाँ भी वही हुआ। अंततः पुलिस ने न सिर्फ इस ट्रिपल मर्डर पर से पर्दा उठाया बल्कि सभी अपराधियों को न्यायालय से सजा भी मुकर्रर कार्रवाई।
इस मामले में न्यायालय ने आज सजा सुनाते हुए इस कांड के मुख्य आरोपी भैरवनाथ को मृत्युदंड, भैरवनाथ की प्रेमिका सह भाभी रूपा देवी को उम्रकैद व 30 हजार रुपया जुर्माना और भैरवनाथ के माता-पिता गायत्री देवी और राजेंद्र प्रसाद दसौंधी को भी आजीवन कारावास व 30-30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाया है। वहीं हजारीबाग के बरकट्ठा निवासी मृतिका अनुपमा के पिता और बच्चों के नाना राजेंद्र राय ने न्यायालय के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि, ‘न्यायालय का यह फैसला उन लोगों के लिए सबक है जो ऐसा करने की सोचते है। न्यायालय के इस फैसले के बाद आपराधिक मानशिकता के लोग ऐसा करने से पहले जरूर दस बार सोचने पर मजबूर होंगे।
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!