ममता का कटाक्ष, बोलीं- EC ही मैन ऑफ द मैच, दीदी ने दिया इस्तीफा, हुआ अस्वीकार

AJ डेस्क: लोकसभा चुनाव नतीजों में टीएमसी की करारी हार के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्तीफे की पेशकश की है। शनिवार को ममता बनर्जी की अध्यक्षता में पार्टी की आपात बैठक की गई। ताजा खबरों के मुताबिक टीएमसी सुप्रीम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने मीटिंग में कहा है कि मैं मुख्यमंत्री के पद पर अब नहीं रहना चाहती हूं। अब मैं पार्टी अध्यक्ष के रुप में अपनी सेवा देना चाहती हूं। हालांकि खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी की इस्तीफा बैठक में स्वीकार नहीं किया गया।

 

 

टीएमसी पार्टी की आपात बैठक में ममता बनर्जी ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल ने हमारे खिलाफ कार्रवाई की। एक आपात स्थिति पैदा की गई। हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव किया गया साथ ही वोटों की हेराफेरी हुई। हमने चुनाव आयोग में शिकायत की लेकिन कोई भी कदम नहीं उठाया गया।

 

 

‘EC मैन ऑफ द मैच ऑफ द इलेक्शन’

ममता ने कहा कि मैं 5 महीने से काम नहीं कर पाई हूं। पांच महीनों से वे कह रहे हैं कि सब कुछ चुनाव आय़ोग के अंतर्गत है। इस तरह का चुनाव पहले कभी कहीं नहीं हुआ। ममता ने आगे कहा कि प्यार और जंग में कुछ भी जायज नहीं है इसलिए बीजेपी जीती और मैं उन्हें बधाई देती हूं। चुनाव आयोग ने पूरी तरह से बीजेपी के लिए समर्पित होकर काम किया चाहे कोई कुछ भी कहे।इलेक्शन कमीशन ही मैन ऑफ द मैच ऑफ द इलेक्शन है।

 

 

‘बीजेपी ने राज्य के सिस्टम को कर लिया हैक’

ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी, अभिषेक बनर्जी, अमित मित्रा, दिनेश त्रिवेदी,सुदीप बंदोपाध्याय, फिरहाद हकीम, अरुप बिस्वास और सुब्रत बख्शी के साथ मीडियो को संबोधित कर रही थी। ममता ने बीजेपी पर हमला करते हुए आगे कहा कि उन लोगों ने राज्य की पूरे सिस्टम को हैक कर लिया था। उन्होंने यहां आपात स्थिति पैदा कर दी थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल में 23 सीटों का लक्ष्य रखा था फिर वे 23 सीट क्यों नहीं जीत पाए?

 

 

‘उनके जैसा कभी नहीं बन सकती’

वे ध्रुवीकरण के अपने फॉर्मूले पर सफल हो गए। वे हिंदू-मुस्लिम के अपने एजेंडे पर सफल हुए हैं। मैं कभी भी इस फॉर्मूले को अडॉप्ट नहीं करुंगी। मैं कभी भी उनके जैसे हिंदू-मुस्लिम नहीं करुंगी। मैं अब भी सोचती हूं कि जिस तरह से चुनाव में उन्होंने पैसा बहाया है वह कल्पना से बाहर है। मैं कांग्रेस नहीं हूं, मैं उनके जैसा बनना भी नहीं चाहती। कभी वे सरेंडर करते हैं तो कभी तटस्थ रहते हैं।

 

 

ममता ने आगे कहा कि मैंने सुना है कि शपथग्रहण समारोह में वे पाकिस्तान को निमंत्रण देने वाले हैं। फिर आपने चुनाव के दौरान पाकिस्तान का इस्तेमाल क्यों किया? अगर हम कुछ कहते हैं तो हमें पाकिस्तानी कहा जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »