रोके नहीं रुक रहा दिमागी बुखार का कहर, 31 बच्चों की हुई मौत

AJ डेस्क: बिहार के मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) की वजह से 31 बच्चों की मौत हो चुकी है। श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) मुजफ्फरपुर के अधीक्षक, सुनील शाही ने कहा, ‘जनवरी से 2 जून तक 13 रोगियों को भर्ती किया गया था, उनमें से 3 की मृत्यु हो गई। 2 जून से इस दिन तक 86 लोगों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 31 की मौत हो गई।’ जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों में अधिकांश वार्ड बच्चों से भरे हुए हैं, ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।

 

 

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में बच्चों की बढ़ती मौतों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम को स्थिति की निगरानी करने और AES के बारे में जटिलताओं और निवारक उपायों के बारे में जागरूकता अभियान को गति देने के लिए मुजफ्फरपुर भेजा गया है।’
 

 

नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोगों में जानकारी और जागरूकता की कमी है कि इस बीमारी से कैसे निपटा जाए। ऐसा लगता है कि पिछले दो वर्षों में मामलों की संख्या में गिरावट आई थी, लेकिन इस बार यह एक बार फिर हिट हुआ है। जागरूकता अभियान ठीक से नहीं किया गया था। उन्होंने लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि वे अपने बच्चों को खाली पेट सोने न दें।

 

 

केंद्र सरकार ने भा एक विशेषीकृत उच्च-स्तरीय टीम का गठन किया है जो मुजफ्फरपुर में एक्यूट एंसेफलाइटिस (एईएस) और गया में जापानी एंसेफलाइटिस (जेई) के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने में राज्य सरकार की मदद करेगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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