भूख से गहरा सम्बन्ध बन चुका है बदहाल मुनीलाल का, एक ट्वीट ने हिला डाला तंत्र को
AJ डेस्क: भूख और मुनीलाल के बीच गहरा सम्बन्ध बन चुका है। दाना दाना के लिए तरस रहे एक वृद्ध की व्यथा एक समाजसेवी ने प्रधानमंत्री को ट्विट कर बताया। PMO ने इसपे तत्काल एक्शन लिया तो मिडिया में मुनीलाल की खबर देख रांची हाई कोर्ट ने इस मामले को स्वतः संज्ञान लेते हुए धनबाद के उपायुक्त से 24 घण्टे में जवाब मांगा है। वहीं सूबे के खाद्य एवम आपूर्ति मंत्री भी धनबाद पहुंच गए हैं।
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धनबाद के अंगरपथरा में रहने वाले 85 वर्षीय मुनीलाल की कहानी सिर्फ उनकी कहानी नही है। प्रशासनिक तंत्र धरातल पर उतर कर देखे तो कोयलांचल में सैकड़ों मुनीलाल मिल जाएंगे। गरीबी के आंचल में सोने वाले मुनीलाल के पास उसकी सांस और शरीर की हड्डियां ही तो बची हैं। केंद्र या राज्य सरकार के द्वारा चलाये जा रहे किसी योजना की पहली किरण तक मुनीलाल के चौखट तक नही पहुंच पाई है। ढिलमिलाते बर्तनों में एक दाना तक नसीब नही है।कई कई दिनों तक अनाज का एक दाना मुनीलाल के कंठ के नीचे नही जाता। यह किसी फिल्म, उपन्यास या विपक्षी नेताओं के डायलॉग नही हकीकत है।
कतरास अंतर्गत धनबाद नगर निगम वार्ड संख्या 4 अंगारपथरा निवासी बुजुर्ग मुनिलाल यादव को लगभग दो वर्षों से पीडीएस का अनाज नहीं मिल रहा है। कारण बताया जा रहा है कि मुनील लाल यादव के पीडीएस में राशन लेने के लिए अंगूठे का निशान नहीं मिल पा रहा था।
मुनीलाल को लगभग 2 साल से राशन नहीं मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर आ गया था। तभी भूख से बिलखते बुजुर्ग मुनिलाल पर क्षेत्र के एक समाजसेवी गुरमीत सिंह की नजर पड़ी। इसके बाद गुरमीत सिंह ने इस लाचार भूखे बुजुर्ग को दो वक्त की रोटी दिलाने के लिए उन्होंने शासन-प्रशासन के यहाँ दौड़ लगाना शुरू किया। लेकिन जब इससे बात बनती नहीं दिखी तो समाजसेवी ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट कर पूरी स्थिति की उन्हें जानकारी दी। फिर क्या था। कुछ ही पलों में पीएमओ से लेकर सीएमओ तक मुनिलाल के मामले में कूद पड़ा।
साथ ही इस खबर को मीडिया ने भी प्रमुखता से चलाए जाने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एच सी मिश्रा और दीपक रोशन की अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए धनबाद उपायुक्त को 24 घंटे के अंदर जवाब तलब किया है।
वहीं झारखंड हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद धनबाद उयायुक्त एक्शन में दिखी और जिले के एमओ अरुण कुमार उसके घर पहुंचकर उसका हाल जाना। साथ ही मुनिलाल को 20 किलो चावल दिया जो फिलहाल के लिए है। वहीं भविष्य में उसका राशन लाल कार्ड के द्वारा वितरण हो इसके लिए पर्याप्त उपाय किये जाने हैं। एमओ ने कहा कि जिस तरह की तकनीकी कमी हो, उसके बाद भी मुनिलाल को राशन मिले इसका समुचित व्यवस्था किया जाएगा।
वहीं इस पुरे मामले की जानकारी मिलते ही आज सूबे के खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री सरयू राय धनबाद पहुंचे और उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की विस्तृत जानकारी ली। इस बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुनिलाल को और उनके जैसे किसी भी व्यक्ति को अनाज के लिए अब कोई परेशानी नहीं होगी।इसके लिए सूबे के तमाम मुखिया को दिशा निर्देश दे दिया गया है।उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों के लिए ही इलाके के मुखिया के पास अनाज योजना के नाम से एक राशि होती है जिसमें हर वक्त 10 हजार रूपए होते है ताकि जरुरत के समय वो ऐसे जरुरत मंदो के लिए अनाज खरीद कर सकें। मंत्री श्री राय ने कहा कि मुनीलाल का राशन कार्ड किस आधार पर कैंसिल हुआ, यह जाँच का विषय है। रांची से विशेष जाँच टीम भेजकर पूरे मामले की जाँच कराई जाएगी। दोषियों को बख्शा नही जाएगा।
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