कान पकड़ उठक बैठक, लोटा को प्रणाम, फिर शपथ खुले में नही “हगूंगा” (देखे वीडियो)

बिहार : कान पकड़ कर उठक बैठक, लप्पड़ थप्पड़ और शपथ दिलाने की सजा के साथ ही ग्रामीण मुक्त हो सके। इन्हें यह सजा मिली खुले में शौच जाने पर। पुलिस की मौजूदगी में अधिकारी ने ग्रामीणों को “शपथ” दिलाया कि अब खुले में नही “हगूंगा।”

लोटे से तौबा

 

 

वाकया बिहार के बेगूसराय जिले के तेघरा प्रखंड के धनकौल का है। गांधी जयंती के दिन ही बेगूसराय जिला ODF घोषित हुआ है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम लग जाती है इसे सफल बनाने में। प्रशासन को शायद अब जागरूकता अभियान पर भरोसा नही रहा, तभी तो उनके द्वारा बल प्रयोग किया जा रहा है। धनकौल गांव में भी अहले सुबह तेघड़ा के पशुपालन अधिकारी लाव लश्कर के साथ जा धमकते हैं। ग्रामीण खेत खलिहान में शौच करते पकड़े जाते हैं। बस, क्या था। शुरू हो जाती है प्रशासनिक पाठशाला। ग्रामीणों को सबसे पहले “शपथ” दिलायी जाती है कि अपना शौचालय बनाकर उसी में “हगूंगा” (शौच करूँगा)। खुले में नही हगूंगा। इसी बीच एक ग्रामीण के साथ लप्पड़ थप्पड़ भी की जाती है। कार्रवाई यहीं नही रूकती, ग्रामीणों को कान पकड़ कर उठक बैठक भी कराया जाता है और “लोटा” को प्रणाम भी कराया जाता है।

महिलाओं को भी नहीं बख्शा

 

 

इस पूरे प्रकरण की सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा महिलाओं के लिए “अमर्यादित” भाषा का उपयोग किया जाना।

 

वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे:-

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