जेलों में बंद कैदियों से अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी मुलाकात

AJ डेस्क: कोरोना वायरस का दहशत राज्य की जेलों में भी दिख रहा है। इस वायरस के कहर से जेलों में बंद कैदियों को बचाने के लिए जेल प्रशासन ने कड़े निर्णय लिए हैं, ताकि जेलों में इस महामारी का वायरस फैलने से रोका जा सके। एहतियात के तौर पर जेलों में आमने-सामने मुलाकात को बंद करा दिया गया है। उन्हें सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही मिलने की इजाजत है। जेलों में जो भी नए बंदी आ रहे हैं, उन्हें जेल में बने क्वारंटाइन वार्ड में तीन दिनों तक रखा जा रहा है। ऑब्जर्वेशन के दौरान संदिग्ध पाए जाने पर जेल प्रशासन तत्काल उस बंदी की जांच कराएगी।

 

 

राज्य की जेलों में वर्तमान में 18 हजार 2 सौ 27 कैदी बंद हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक एक भी कैदी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले है। इस संबंध में कारा महानिरीक्षक शशि रंजन ने बताया कि राज्य की सभी जेलों में क्वारंटाइन वार्ड बनाया गया है। जेल में आने वाले नए बंदी को सैनिटाइज करने के बाद ही सामान्य वार्ड में भेजा जा रहा है। सभी जेल अस्पतालों में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है, जहां सामान्य सर्दी-खांसी वाले कैदियों को रखने की व्यवस्था है। जेल प्रशासन कोरोना के खतरे से पूरी तरह सतर्क है।

 

 

बता दें कि राज्य के सभी केंद्रीय कारा में साबुन, डिटर्जेंट, फिनाइल सहित उपयोग के कई सामान बनते हैं। यहां सश्रम कारावास के बंदी सृजन से जुड़े हैं। जेल प्रबंधन ने एक प्रस्ताव तैयार किया है कि जेल में अब सैनिटाइजर भी बनाया जाए। इसके लिए कच्चे माल व अन्य सामग्री की जरूरत होगी। इसके लिए जेल प्रबंधन सरकार को एक प्रस्ताव भेज रहा है। कुल मिलाकर जेलों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरती जा रही है। ताकि सूबे के जेलों को इस महामारी से बचाया जा सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Input: Dainik Jagran

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