तब्लीगी जमात के सत्रह सहित 18 लोग रिहा, फुरकान अंसारी ने किया स्वागत

AJ डेस्क: रांची में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए तब्‍लीगी जमात के 17 विदेशी सहित 18 लोगों को आज रिहा किया गया है। कल रांची सिविल कोर्ट ने इन्‍हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। आज रिहा होने पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने स्‍वागत किया। बता दें कि तब्लीगी जमात के 17 आरोपियों ने कोर्ट से जमानत मांगते हुए अपने देश वापस लौटने की इच्छा जताई थी। इन्‍होंने करीब तीन माह से अधिक का समय जेल में बिताया है।

 

 

इस दौरान फुरकान अंसारी ने कहा कि बीमारी किसी कौम, जाति, मजहब का नहीं होता। लेकिन इस राज्‍य और देश की सरकार को हिंदू-‍मुस्लिम नजर आता है। हमारे खिलाफ साजिश की गई है। तब्‍लीगी जमात के लोगों के खिलाफ जो कहा जा रहा है, वह बेबुनियाद आरोप है। तब्‍लीगी जमात के एक सदस्‍य ने कहा कि फुरकान अंसारी का मैं शुक्रगुजार हूं कि इन्‍होंने शुरू से ही तब्‍लीगी जमात के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप के विरुद्ध आवाज उठाई।

 

 

बता‍ दें कि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में सभी 18 आरोपियों ने अपना जुर्म स्‍वीकार कर लिया था। कोर्ट ने इन सभी पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना के अलावा 200-200 रुपये का जुर्माना तथा एपिडेमिक डिजीज एक्ट के सेक्शन बी के तहत एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

 

 

ये सभी धर्म प्रचार के लिए टूरिस्ट के रूप में भारत आए थे। वे नई दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने के बाद 18 मार्च को रांची पहुंचे। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने और उसके बाद लॉकडाउन के कारण वे रांची में फंस गये थे। ये सभी रांची की एक मस्जिद में रुके हुए थे।

 

 

रांची पुलिस ने 30 मार्च को हिंदपीढ़ी की बड़ी मस्जिद एवं मदीना मस्जिद में रह रहे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों को गिरफ्तार किया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल थी। बाद में इन्‍हें खेलगांव स्थित क्‍वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया था। यहां तीन तब्‍लीगी महिलाएं क्‍वारंटाइन के दौरान गर्भवती भी हो गईं थीं।

 

 

 

 

 

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