बाबरी मस्जिद विध्वंस के 32 आरोपियों को कोर्ट ने “बरी” किया

AJ डेस्क: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत ने आज फैसला देते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अराजक तत्‍वों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा तोड़ा। इसमें आरोपियों के शामिल होने का साक्ष्य मौजूद नहीं है। इसका फोटो, वीडियो नहीं है। आरोपियों ने भीड़ को समझाने के लिए अपील की थी।

 

 

कोर्ट ने कहा कि मंच से कारसेवकों को रोकने की कोशिश की गई। आवेश में भीड़ ने विवादित ढांचा तोड़ा। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराना कोई पूर्वनियोजित घटना नहीं थी। बल्कि जो कुछ वहां हुआ वो अनजाने में हुआ।

 

 

जज ने कहा की जो लोग ढाँचा गिरा रहे थे और जो लोग उनको रोक रहे थे, उनमें कोई साठ-गाँठ नहीं थी, मंच से भी ऐसा करने को रोका जा रहा था, लिहाज़ा षड्यंत्र जैसी कोई बात दिखी नहीं, और कोई प्रबल साक्ष्य भी नहीं हैं, ये पूर्व नियोजित नहीं था, तात्कालिक क्रिया थी।

 

 

इसके बाद कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 32 आरोपी थे। फैसले में अशोक सिंघल का जिक्र बार-बार आया कि उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

 

 

 

 

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