जयंती: परम वीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का को देश ने याद किया, पत्नी की आखिरी तमन्ना- प्रतिमा स्थापित हो

AJ डेस्क: 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का की जयंती पर आज देश उन्हें याद कर रहा है। झारखंड अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। हालांकि, परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का को पांच दशक बाद भी अपने पैतृक गांव में पति के शहीद स्मारक बनने का इंतजार है।

 

 

लांसनायक अल्बर्ट एक्का को मरणोपरांत मिला परमवीर चक्र सम्मान-

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़ाई में वीरगति प्राप्त हुए अल्बर्ट एक्का मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इन शहीदों के सम्मान और उनके परिजनों और आश्रितों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। लेकिन करीब पांच दशक बीत जाने के बाद भी शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का की एक छोटी सी इच्छा पूरी नहीं हो सकी है।

 

 

शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी की बस एक ही इच्छा-

बलमदीना एक्का ने सरकार से अपने लिए कई एकड़ जमीन या पैसे की कोई मांग नहीं की है। बूढ़ी और चलने-फिरने से मजबूर बलमदीना एक्का की अंतिम तमन्ना है कि उनके पति का स्मारक पैतृक गांव में ही उनके जीवित रहते बन जाएं। जिससे वे उस स्मारक पर पुष्प अर्पित कर उनके बलिदान को नमन कर सकें। साल 2015 में ही शहादत स्थल त्रिपुरा से उनकी मिट्टी जारी गांव लाकर स्मारक बनाने की बात राज्य सरकार की ओर से की गई, लेकिन अब तक यह काम भी अधूरा रहा है।

 

 

बेटे विंसेट बोले- हमें सरकारों से सिर्फ आश्वासन ही मिला-

अल्बर्ट एक्का के बेटे विंसेट एकता का भी कहना है कि कई सरकारों में सिर्फ उन्हें आश्वासन ही मिला लेकिन अब तक एक स्मारक भी बन कर पूरा नहीं हो सका है। उनके पिता ने देश की खातिर उस वक्त प्राणों को न्यौछावर कर दिया था, जब उनकी आयु महज एक साल की थी। उन्होंने कहा कि शहीदों और उनके परिवार के प्रति सरकार का नजरिया इस तरह का है कि करीब 42 साल बाद तत्कालीन हेमंत सोरेन सरकार में वर्ष 2013 में उन्हें प्रखंड कार्यालय में नौकरी मिली। उन्हें उम्मीद है कि यह सरकार उनके पिता का स्मारक भी पैतृक गांव में बनाने का सपना पूरा करेगी।

 

 

 

 

 

 

‘अनल ज्योति’ के फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी इस लिंक पर क्लिक करके लाइक👍 का बटन दबाए…

https://www.facebook.com/analjyoti.in/?ti=as

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »