‘दवाई भी कड़ाई भी’ : आखिर इंतजार के पल खत्म हुए, दुनिया का सबसे बड़ा टीका करण शुरू

AJ डेस्क: पूरे देश को जिस पल का इंतजार था आखिरकार वो घड़ी आ ही गई है। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भारत में हो गई है। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी। अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है।’

 

 

दवाई भी, कड़ाई भी-

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि टीका लगने के बाद भी कोविड की गाइडलाइंस को भूलना नहीं है। उन्होंने संदेश देते हुए काह कि ‘दवाई भी , कड़ाई भी’ जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।’

 

 

 

पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को लगेगा टीका-

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका।’

 

 

दुष्प्रचार से बचें-

लोगों से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी।इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। हर हिंदुस्तानी इस बात का गर्व करेगा की दुनिया भर के करीब 60% बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं। भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर ही गुजरते हैं।’

 

 

 

 

 

 

 

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