धनबाद के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर PMO के अधिकारी जमीनी हकीकत से हुए रु ब रु

AJ डेस्क: पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बनी कमिटी सोमवार को कोयलांचल धनबाद के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे एवं अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित जगहों पर विस्थापित किये गए लोगों की जमीनी हकीकत जानने पहुंची। जहाँ कमिटी के सदस्यों को लोगों के ज्वलन्त सवालों का सामना करना पड़ा। जिसे सुनने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्यों ने समस्याओं को दूर करने की बातें कही।

 

 

यह पहली बार हुआ जब केंद्र सरकार की कोई टीम धनबाद के अलकुसा माइंस, बंसजोड़ा, गोधर, बेलगड़िया, करमाटांड़, गोल्डन पहाड़ी, घनुडीह एवं झरिया जैसे क्षेत्रों का दौरा कर यहाँ के लोगों का दर्द जाना। यह 9 सदस्यी कमिटी यहाँ के लोगों के एक-एक बातों को बड़े ही गौर से सुना और उसका जल्द समाधान कर देने का आश्वासन भी दिया। लोगों ने कमिटी के सदस्यों को कहा कि अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से उठाकर दूसरे जगह सिर्फ बसा देने को ही अपनी जिम्मेवारी समझने से ही झरिया पुनर्वास नहीं होगा। जीने के लिए इंसान को बहुत कुछ चीजों की आश्यकता होती है। उन्होंने कहा झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से शिफ्ट करने के समय कई आश्वासन मिला था, लेकिन आज तक एक भी पूरा नहीं हुआ।

 

 

पालनी के उप मुखिया सीमा देवी, अजय पासवान, शांति देवी ने कहा कि पहले तो जो आवास रहने के लिए दिया गया उसकी जांंच जरूरी है। दो साल में भी भवन जर्जर हो गया है। पानी, बिजली, स्कूल, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था केवल आश्वासन पर ही चल रहा है। बेलगड़िया की मौजूदा स्थिति काफी खराब है। नए बन रहे आवास की स्थिति पर भी उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। लोगों ने कहा कि गुणवत्ता को लेकर जांच हुई तो सारे मामले अपने आप स्पष्ट हो जाएंगे। इसके साथ ही बेलगड़िया में बसे लोगों ने रोजगार को लेकर चिंता व्यक्त की। टीम के समक्ष लोगों ने कहा कि यहां से शहर जाने पर पचास रुपया भाड़ा लगता है। रोजगार नहीं है, कहां से पैसा आएगा।

 

 

सारी बातों को सुनने के बाद राष्ट्रीय भू संपदा विभाग के अवर सचिव हुकूम सिंह मीणा ने कहा कि जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर की जाएगी। जमीनी हकीकत देखने व लोगों की समस्याओं को लेकर ही टीम आयी है।

 

 

टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य कृष्णा एस वास्ता, सीएमपीडीआइएल के पूर्व सीएमडी शेखर शरण, आइआइटी आइएसएम के प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्जी, कोयला मंत्रालय के प्रोजेक्ट एडवाइजर आनंंदजी प्रसाद, बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद के अलावा अन्य सदस्य शामिल है। बता दें कि पीएमओ के निर्देश पर 25 अगस्त को कोयला मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। जिसे दो माह में झरिया पुनर्वास पर ठोस रिपोर्ट देने है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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