लोहरदगा में IED ब्लास्ट, CRPF कोबरा बटालियन के दो जवान जख्मी

AJ डेस्क: लोहरदगा में सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान शुक्रवार की सुबह IED ब्लास्ट हो गया। इसमें CRPF के कोबरा बटालियन के 2 जवान घायल हो गए। जवानों को इलाज के लिए हेलीकाप्टर से रांची लाया गया। खेलगांव में जवानों को उतार कर प्राथमिक इलाज के लिए मेडिका अस्पताल भेज दिया गया। घायल जवानों की पहचान दिलीप कुमार और नारायण दास के रूप में हुई है। जवानों को यथाशीघ्र अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस की ओर से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। एंबुलेंस घायल जवानों को लेकर बिना किसी व्यवधान के अस्पताल पहुंची। जवानों को देखने के लिए झारखंड के DGP नीरज सिन्हा, ADG संजय आनंद लाटकर सहित कई अधिकारी अस्पताल गए थे।

 

 

बताया जाता है कि भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर और 15 लाख के ईनामी रविंद्र गंझू के दस्ते के पेशरार थाना क्षेत्र के जंगलों में होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस के वरीय पदाधिकारियों और CRPF के कोबरा बटालियन की टीम छापेमारी अभियान में निकली। गुरुवार को अभियान की शुरुआत की गई। किसी भी परिस्थिति से निपटने को लेकर BS कॉलेज में हेलीपैड का निर्माण किया गया था। दावा किया जा रहा है कि अभियान की शुरुआत के कुछ देर बात ही पेशरार में सुरक्षा बलों और भाकपा माओवादी संगठन के बीच मुठभेड़ हो गई। इस दौरान एक विस्फोट भी हुआ। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देखकर नक्सली घने जंगल में भाग गए। शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने फरार नक्सलियों की तलाश में जंगल में फिर सर्च अभियान शुरू किया। इसी दौरान यह हादसा हो गया।

 

 

 

 

 

15 लाख के ईनामी रविंद्र गंझू इलाके में आतंक का पर्याय है। इसका दस्ता जंगल इलाकों में बेहद सक्रिय है। रविंद्र गंझू मूल रूप में लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के हेसला बांझीटोला का रहने वाला है। यह नक्सली लोहरदगा, गुमला और लातेहार पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। रविंद्र गंझू के दस्ते के साथ पुलिस की कई बार मुठभेड़ हो चुकी है। हर बार घने जंगलों का फायदा उठाकर भागने में सफल रहता है। जोनल कमांडर के पद पर स्थापित रविंद्र के दस्ते में करीब 15 से 20 लोग शामिल है।

 

 

पेशरर थाना प्रभारी ऋषि कांत शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों की ओर से आज नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा था। नक्सलियों के द्वारा जंगल में बम लगाया गया था। इस पर गलती से एक जवान का पैर पड़ गया। विस्फोट में जवान घायल हो गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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