महाराष्ट्र: राज्यपाल का पत्र सोमवार को पेश करें- सुप्रीम कोर्ट
AJ डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले में केंद्र और महाराष्ट्र को नोटिस जारी कर कल सुबह 10:30 बजे राज्यपाल के आमंत्रण वाली चिट्ठी पेश करने को कहा है। कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की ओर से वकील मुकुल रोहतगी की दलील सुनने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कल तक के लिए टाल दिया है।
हालांकि आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत साबित करने को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है। लेकिन इस मांग को भी ठुकरा दिया है कि बहुमत साबित करने के लिए समय दिया जाए। इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि समर्थन पत्र कब दिया गया। वहीं जस्टिस रमन्ना ने कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या उनरे पास कुछ है कि राज्यपाल को क्या लिखित दिया गया था। इस पर सिब्बल ने ना में जवाब दिया। सिब्बल ने आगे कहा कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो साबित करें।
इस मामले में वरिष्ठ वकील और संविधान के जानकार संजय हेगड़े ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि अभी मैच जारी है और यही कहा जा सकता है कि कल पता लगेगा। सारे पत्रों को देखने के बाद ही कोर्ट कोई फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसले को अनुचित कह सकते हैं लेकिन गैरकानूनी नहीं है। साथ में हिंदी फिल्म के एक गाने की लाइन को जोड़ते हुए कहा कि इमरजेंसी तो थी नहीं पर पुराना गाना है ‘रात है ऐसी मतवाली तो सुबह का आलम क्या होगा? हेगड़े ने कहा कि शायद राज्यपाल ने सुबह का आलम नहीं देखा है थोड़ा सा गौर कर लेते वेरीफाई कर लेते तो मामला इतना गड़बड़ नहीं होता।
उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट को ज़्यादा वक़्त तक टाला नही जा सकता है। तुरंत नहीं हो सकता है पर जल्द हो सकता है। उन्होंने कहा कि अजीत पवार अब एनसीपी के नेता नही हैं उनको व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं है। नये नेता का नाम ऐलान कर चुका है। इसमें कोई दो राय नहीं है।
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